• The Secret Of The Nagas (Shiva Trilogy-2)

    This is the second novel in the trilogy on Shiva by Amish Tripathy. The book ‘Nagaon Ka Rahasya’ is the Hindi version of the book originally written in English ‘Secrets of Nagas’.

  • Satyayoddha Kalki: Eye of Brahma

    After a defeat at the hands of Lord Kali, Kalki Hari must journey towards the mahendragiri mountains with his companions to finally become the avatar he is destined to be.

  • The Immortals of Meluha

    जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।

  • तो कौन हे लूसिफर ? एक दानव या एक देवता !

    तो दोस्तो जैसा की आप सबको पता होगा की इस दुनिया में इंसान और बुरी आत्माएं दिनों ही बास करती है। क्यों के अंधेरा होने पर ही रोशनी की जरूरत होती है। और कुछ बुरी सक्ती हमेशा रोशनी को मिटाने के चक्कर में होती है। तो में आप सबको आज ये बताऊंगा के कैसे एक रोशनी के दूत ने अंधेरे का साथ दिया और बन गया अधेरा का सबसे ताकतवर शहंशह.

  • जब एक प्रेत आत्मा ने केहेर ढाया - अंतिम भाग

    वो आत्मा अपने बदले के चकर में इधर उधर घूम रहीथी। कैसे भी करके मुखिया जी का कबच हटे और वो अपना इन्तेक़ाम ले सके। उधर मुखिया जी के बुलाने पर उनके दोनों बेटे अपने अपने परिबार के साथ हवेली में आ पहंचे। बड़े बेटे की एक बेटी और छोटे बेटे की दो बेटे थे। आगे जानने के लिए यहाँ click करे.

Corona battle 2021। एक जंग कोरोना के संग। कोरोना का जंग। कोरोना वायरस की कहानी।

corona battle 2021। एक जंग कोरोना के संग। कोरोना का जंग। कोरोना वायरस की कहानी।


कालः पचति भूतानि, कालः संहरते प्रजाः 

कालः सुप्तेषु जागर्ति, कालो हि दुरतिक्रमः || 

काल प्राणियों को निगल जाता है । काल सृष्टि का विनाश कर देता है । यह प्राणियों के सो जाने पर भी उनमें विद्यमान रहता है । इसका कोई भी अतिक्रमण नहीं कर सकता ।
मई 19, 2021 

कहतें हैं की इंसान का बस सिर्फ एक तय सीमा तक ही सिमित है। उसके बाद इंसान बेबस हो जाता हे।  कुछ ऐसा ही हो रहा हे हम सब के साथ। ये जंग अभी भी जारी हे कोरोना का जंग। 
"आप समझ नहीं रहें है।  मेराा वहां जाना बेहद जरूरी है। ये समय बहस करने का नहीं हे। मेरी बीवी अंदर मर रही हे। उसके पास कोई नहीं हे। मुझे अंदर जाने दो" 
ये कहते हुए मैने एक 70 साल के बुजुर्ग आदमी को रोते हुए देखा। मेरे पास उनके करीब जाने का भी वक़्त नहीं था।कुछ देर तक मुझे मेरे चैम्बर तक उनकी आवाज़  सुनाई दी फिर आवाज़ आनी बंद होगयी। अस्पताल के कुछ लोग उन्हें धका मारके बाहर निकाल देते है। मेरे सामने हो रहे इस सर्मनाक बकिए को देख कर में सन्न रह गया। पर बिपति के समय धैर्य रखना ही एक डॉक्टर की पहचान होती हे। तवी मेरे पीछे से आवाज़ आयी 

डॉक्टर आप यहां खड़े है ! चलिए वक़्त बहोत ही कम है। में चाहकर भी उस बूढ़े आदमी की कोई मदत नहीं कर सका । एक के बदले पचास लोगों के जान दाऊ पे लगी थी। एक दरिंदे ने पूरे मानव समाज को अपने कब्जे में कर रखा था। मेरे पूरे डॉक्टर जीवन में ऐसा हालत मैने नहीं देखा था। ये एक महाामारी थी। सच कहूं तो एक चेताबनी। 

मरीज को यहां लाओ। जल्दी करो। उस आदमी को जल्दी से ओक्सीजन दो। डॉक्टर हमारे पास ओक्सीजन की बहोत कमी हे। मरिया ने मुझे धीरे से बताया। मरिया मेरी सबसे अछि दोस्त हे। और एक काबिल नर्स भी। 

डॉक्टर में मरना नहीं चाहता। में सांस नहीं ले परहा। कुछ करो डॉक्टर ।
तुम्हे कुछ नहीं होगा। जल्दी से सिलिंडर लाओ नर्स। मैंने ऊँची आवाज़ में मरिया से कहा। 

हमारे पास और नहीं है डॉक्टर।
क्या मतलब नहीं है? वो इंसान मर जाएगा। हमे बचाना होगा उसे मारिया। वो सांस नहीं ले पा राहा । अब में अपना धैर्य खोने लगा था। 

कहां से लाऊं डॉक्टर । पूरा सिस्टम काम में लग चुका है।
हमे किसिके मरने तक का इंतेज़ार करना होगा। तब जाके सायद एक मिल पाए। ये कह कर मरिया ओक्सीजन के जुगाड़ में लग गयी। 

ये सुनकर मेरे आंखों से आंसुओं की नजाने कितने बूंदे बेहगाए। पर उन्हें खुल कर बेहेने देने की इजाजत नहीं थी मुझे। इंतजार  अलावा  मेरे पास कोई बिकल्प सेस नहीं था।  दर्द भरी इस जुंग में मेरे सामने ही एक जिंदेगी ने उमिद के साथ अपना दम तोड दिया।

करीब आधे घंटे बाद मारिया भाग ते हुए आके बोली - डॉक्टर एक सिलिंडर  खाली हुआ। आप उस मरीज को ले अयी ये।

बोहोत देर होचुकी है मारिया । उम्मीद हार चुकिहे। वो मर चुका है। मुझे टूटता हुआ देख मरिया ने समझते हुए मुझे कहा - नहीं डॉक्टर उम्मीद अभी भी जिंदा है। पूरी दुनिया उमिद पे कायम है। और वो उम्मीद आप हो डॉक्टर। पूरी दुनिया इस भरोसे इस दरिंदे से लड़ रही हे क्यों के उन्हें यकीं हे के डॉक्टर्स उहने बचा लेंगे। आप यूँ पीछे नहीं हैट सकते। 
मैने नम आंखों से मारिया को देखा। लगा जैसे उम्मीद की आखरी किरण अभी भी है।

लोग हजारों के तादात में मर रहे है। इंसानियत अपने घुटने टेक चुका था। तबाही का वो आलम था जिसे लब्ज़ों  में बयान कर पाना सायाद ही मुमकिन हो पाए।

आज से 55  दिन पहले।

डॉक्टर आपको सादी की पहली सालगिरह मुबरखो। उसदिन हमारी पहली सालगिरह थी। घर पर एक बड़ी पार्टी राखी हुई थी.
क्या बात है आज खूब जच रही है इस पिंक गाउन में।
बस भी करिए डॉक्टर ।
डॉक्टर पूरी दुनिया के लिए हूं। भला कौनसी बीवी ऐसी  होगी जो अपने पति को डॉक्टर केह के बुलाती होगी ?में बुलाती हूं ।
क्यूं के आप दुनिया के सबसे अच्छे डॉक्टर हो।

सही कहा मैडम अपने।
तभी किसीने दरवाजा खट खटाया। 

अरे मारिया आओ आओ।
आप दोनों को सादी की पहली सालगिरह मुबरखो।

बच्चे कहां है तुम्हारे
वो बाहर लॉन में है डॉक्टर।

मारिया मेरी हॉस्पिटल की सबसे काबिल नर्स थी।
और मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी।

पूरे 8साल के मेडिकल कैरियर में मैने मारिया जैसी काबिल नर्स नहीं देखा शहर के बड़े बड़े लोग पार्टी में सिरकत करने आए है। उन्मेसे एक मेयर साहब थे। मुझसे बात करते हुए बोले - 
डॉक्टर साहब कैसे है आप?में ठीक हूं मयर सर। आप बताईए।सुना हे आप कुछ  तयार कर रहें हे। 
जी हाँ। मैने हमारे पास वाले टाउन में एक नया हॉस्पिटल बन बाने के लिए एक नया प्रोजेक्ट तैयार किया है। अगर आप मेरी कुछ मदत कर सके ?

हमारे शहर में तीन बेहद बड़े बड़े हॉस्पिटल है डॉक्टर हमें और अस्पताल बनाने की क्या जरूरत है। और आज के दिन में भी आप दूसरे लोगों के बारेमे सोच रहें है। पिछली बार सायद अपने कोरोना को हलके में लेलिया ? आपको क्या लगता हे वो चला गया ? नहीं सर हमे तैयार रहना चाहिए आज भी हमारे पास पर्याप्त चीज़े नहीं हे। आप बीती बातों को भूल जाइये डॉक्टर ये सब पुराना हो गया हे। लोग भूलने लगे हैं।  बेहतर होगा आप भी भूल जाइये। में आप के लिए कहीं घूम के आने का बंदोबस्त करता हूँ। ये कह के वो चले गए। 

मारिया मेरे पास आई और मुझ से कहा कि कोई नहीं डॉक्टर उम्मीद पर दुनिया कायम है। इस साल नहीं तो अगले साल ही सेही पर हम हॉस्पिटल जरूर बनाएंगे।धीरे-धीरे पार्टी खत्म होने लगी।ठीक है डॉक्टर तो फिर मैं चलती हूं कल आपसे मुलाकात होगी। यह कहकर मारिया चली गई ।पार्टी में आए सारे बड़े-बड़े लोग धीरे-धीरे पार्टी खत्म करके जाने लगे ।और आखिरकार पार्टी खत्म होने के बाद मैं और मेरी पत्नी हम दोनों  लन में बैठकर खुली आसमानों में तारे को निहारते रहे। तभी मेरी पत्नी ने मेरे कंधे पर सर रखकर मुझसे बोली -तुम जो हमेशा गरीब लोगों के बारे में सोचते रहते हो तुम्हारी इसी बात पर मुझे बहुत ही ज्यादा प्यार आता है ।

सिर्फ डॉक्टर बन जाना बड़ी बात नहीं है एक अच्छा डॉक्टर बन पाना वो एक अलग ही चीज है। और वह सब मैंने तुम में  पाया है। मैंने हमेशा ही  एक अच्छे डॉक्टर को दिखा इसीलिए हमेशा तुम्हें डॉक्टर के नाम से बुलाती हूं। पता नहीं चल पाया कि वो रात कैसे गुजर गयी ।

सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने पाया कि शहर में एक अफरा-तफरी मची हुई है। कुछ लोग हमारे घर के पास खड़े होकर घबराकर पुलिस को कुछ बता रहे थे। तभी अचानक मेरी फोन की घंटी बज उठी मैंने फोन उठाया तो उस तरफ से मरीया ने घबराहट से आवाज से मुझसे कहा डॉक्टर जल्दी आ जाइए अस्पताल । अचानक से कोरोना के दस मरीज़ सामने आये हैं।  और उनमे से दो की हालत बहत नाजुक हे। सायद ये पहले वाले से ज्यादा खतनाक हे। काफी तेज़ी से फेल रहा हे। 
ये सुनते ही में तुरंत निकल पड़ा। बोर्ड की मीटिंग बुलाई गयी थी। 

डॉक्टर आप को मीटिंग में बुलाया गया है । जल्दी से चालिए मीटिंग शुरू हो चुकी है।
मैंने मारिया को गौर से देखा उसकी आंखों में अजीब सी चिंता चाई हो रही थी। एक ऐसी घबराहट मानो जैसे आगे एक बड़ा सा तूफान हम सब का इंतजार कर रहा है । मीटिंग ख़तम करके में अपने चैम्बर लौट रहा था तब मुझे मरिया मिली। 

क्या हुआ डॉक्टर मीटिंग में क्या बताएं ? स्थिति बहुत गंभीर है मारिया शहर में अब तक ऐसे शोकेस आ चुके हैं और यह संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है अगर लोगों को रोका नहीं गया तो यह समस्या बहुत जटिल हो सकती है शायद यह इस वायरस का सबसे ताकतवर स्ट्रेन हो। इस बार संक्रमण होने के आसार पिछली बार से 6 गुना ज्यादा है। यह सुनते ही मारिया के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती थी। पिछली बार उसने कई ऐसे हालातों का सामना किया है जिसने उसे अंदर से हिला दिया था। और दोबारा उसे उस हालत में जाने की कोई दिलचस्पी नहीं थी।

जो संख्या सुबह तक मैच 100 तक थी सांस खत्म होते-होते रात को वह संख्या 190 तक पहुंच चुकी थी अभी समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा कि हम उस स्थिति में दोबारा जाने वाले हैं जहां से लौट आने की खुशी हम सबको थी। और इस बार हमसे बहुत बड़ी गलती हो चुकी थी। हमने हमारे दुश्मन को पहलीबर से कमजोर समझने की भूल कर चुके थे। जबकि वह पहले से कहीं और ताकतवर बनकर लौटा था।


देखते ही देखते दो-तीन दिन के अंदर यह तादाद 300 के पार चला गया। देश में जो सारी घटनाएं घट रही थी उसे देखकर यह लग नहीं रहा था कि लोगों को पिछली बार से कोई फर्क पडा है लेकिन फर्क तब पड़ना शुरू हुआ जब अप्रैल की दूसरे हफ्ते की शुरुआत हुई। इंसानियत की एक ऐसी दुर्दशा होने वाली थी जिसे देखकर किसी के भी रूह कांप जाए। जो तादाद 200-300 में अटका हुआ था। अब वह दस हजार के पार चला गया था।अब लोग अस्पतालों में इकट्ठा होने शुरू हो गए ।

हमें इस बार सख्त निर्देश थे कि हम किसी भी तरह स्थिति को नियंत्रण में रखें। इस बार कोरोना से लड़ने के लिए पहले से ज्यादा एक्सपीरियंस था हमारे पास और शायद हम इस बार कॉरोना को हराने में कामयाब हो भी जाते। तब हम सब से हुई एक बहुत बड़ी गलती।जिस गलती ने मुझे और मेरी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल के रख दिया। कोरोना का जंग अब हम हारने वाले थे !

कहानी का दूसरा तथा अंतिम भाग जल्द ही प्रकाशित होगा।

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सच्ची भूतिया घटना । एक अनसुलझा true hunted आप बीती 2021।

Hindi most true scary hunted story एक सच्ची घटना 

सबसे खौफनाक कहानी 2021 एक अनसुलझा आप बीती।

ऐसे घटनाये बहोत ही दुर्लभ होतें हे। हर किसी के साथ घटित नहीं होते। इसलिए इस बिषय को लेके समाज में दो मत पाए जाते हैं। जिसके साथ ये घटना घटित हुयी हो वो इस बात को स्वीकार करलेता हे। पर हम सभी किसी न किसी घटना चक्र के चलते इसमें शामिल होते हे। में आपको इसे जुड़े कुछ घटना के बारे में बताने जारहा हूँ जो की मेरे एक दोस्त के साथ घटी थी। ये कहानी एक सच्ची घटना  पर आधारित हे।

यह उन दिनों की बात है जब मैं और मेरा दोस्त अपनी कोचिंग खत्म करके रात के 9:00 बजे के करीब घर वापस आरहे थे. रास्ते में हमारे एक श्मशान घाट आता था हालांकि हम बचपन से उसी शहर में रह रहे थे, और न जाने कितनों बार श्मशान के रास्ते आना-जाना हुआ होगा लेकिन उस दिन हम दोनों के साथ कुछ अजीब सी घटनाएं घटी। बात को शुरू करने से पहले मैं एक चीज पर आपका ध्यान केंद्रित करना चाहूंगा कि कभी भी अगर सुनसान रास्ते पर आपको किसी की सांस लेती हुई आवाज बार-बार सुनाई दे और देखने पर भी आसपास कोई नजर ना आए तो कभी भी गाड़ी से मत उतरियेगा । और किसी भी परिस्थिति में एक जगह पर स्थिर होकर खड़े मत रहिएगा। में आपको ये चीज़ इशलिये बता रहा हूँ क्यों के उस दिन की एक घटना से इसका संबध है। जो मैं अभी आप सबके साथ साझा करने वाला हूं। तो बात ये है कि हर रोज की तरह जब हम उस दिन भी अपने घर वापस आ रहे थे न जाने क्यों मेरे बदन में थोड़ी सी पीड़ा होने लगी । गंभीर वाली बात तो नहीं लेकिन ना जाने क्यों मुझे कुछ ऐसा लगा कि मुझे कुछ देर रुक जाना चाहिए। मेरे घुटनों में अचानक से दर्द होने लगे। ऐसा लगने लगा कि बुखार आ जाएगा सर्दी का मौसम रास्ता एकदम सुनसान । रात के 9:30 बज चुके थे क्योंकि यह हमारा रोज का आने जाने वाला रास्ता था इसलिए हमें ज्यादा डर तो नहीं लगा था लेकिन उस दिन वाकई में कुछ अजीब सा लगने लगा। और यहां मेरे पैर में उठा दर्द की वजह से मैं चल भी नहीं पा रहा था। मेरे दोस्त के बोलने पर भी मैंने उसे कुछ समय रुकने के लिए बोला। मेरी हालत देखकर मेरा दोस्त आखिरकार मान गया ।वहां पर थोड़ी देर हमने हमारी साइकिल खड़ी की और उतर कर एक जगह बैठ गए। वहां से महज कुछ ही कदम के आगे श्मशान घाट आता है। हम वहासे जल्दी निकल जाना चाहते थे। सर्द हवाएं और कोहरा आगे देखने में अवरोध पैदा कर रहीथी। तभी अचानक मुझे ऐसा लगा कि कोई इंसान हमारे आस पास बैठा है। कोहरा कितना ज्यादा था आप इस बातसे अंदाजा लगा सकते हो के हम से 5 गज की दूरी के आगे देख पाना भी संभव नहीं था। लेकिन उसकी सांसों की आवाज सुनाई दे रही थी। मुझे लगा कि कोई आम इंसान ही होगा क्योंकि अक्सर यहां पर कुछ लोग बैठा करते हैं और कोई आदमी सर्दी के वजह से सायद कम्प कम्पा रहा होगा। मैंने आवाज को गौर से सुनने की कोशिश की कभी-कभी वह आवाज तेज से आती तो कभी-कभी रुक जाती । लेकिन आश्चर्य की ये बात ये हे की मेरे दोस्त जो की मेरे बगल में बैठा था उसे कोई आवाज सुनाई नहीं दे रही थी। उसने मुझसे कहा मैं ही हूं जो बार-बार सांस ले रहा है वह मुझे सुनाई दे रहा होगा। मेने ज्यादा बेहेस तो नहीं किया लेकिन वहां से जितनी जल्दी हो सके निकल जाना सही लगा । मुझे अब दर लगने लगा था । वहां बैठे हुए हमें बस 2 से 3 मिनट ही हुए होंगे मैंने तुरंत अपने दोस्त से कहा कि हमें यहां से निकलना चाहिए। यह कहकर मैं तुरंत वहांसे उठा और साइकिल निकल कर आगे बढ़ने लगा पर जब मैंने पीछे मुड़ कर अपने दोस्त को दोबारा पुकारा कि जल्दी चलो यहां से तो मैंने देखा कि मेरा दोस्त दूसरी तरफ मुंह करके बैठा है । मैंने उससे थोड़ी ऊंची आवाज में बुलाया और इस बार मुझे सांस लेने की आवाज कुछ ज्यादा ही तेजी से सुनाई दे रही थी। में तुरंत अपने दोस्त के पास गया और जैसे ही मैंने उसके हाथ को छुआ तो मुझे भीषण गर्मी का एहसास हुआ। वो दर से कम्प रहा था। मैंने उसकी आंखों में देखो वह किसी और देख कर बड़ी ही बुरी तरीके से कांप रहा था । अब मुझे डर लगने लगाथा। इतनी सर्दी में भी मेरे पसीने छूटने लगे थे। अब मुझे लगने लगा था कि आज कुछ असुभ होने वाली है। तभी अचानक वहां कुछ अघोरी आगये जो वहां से गुजर रहे थे उन्हें देख कर थोड़ी हिमत आयी। मैंने कैसे भी करके अपने दोस्त को वहां से खींच कर साइकिल पर बिठाया और मेरे घुटनों में दर्द होने के बावजूद साइकिल जोर-जोर से चलाते हुए शमशान को पार किया। बड़े आश्चर्य की बात थी कि जैसे ही हमने श्मशान को पार किया उसकी बुखार अचानक से गायब हो गए। देखकर आश्चर्य हुआ लेकिन मेरा दोस्त अभी भी घबराया हुआ था। मैंने पहले उसे उसके घर छोड़ा और फिर अपने घर पहुंचा । आखिर वो क्या था जिसे देख कर मेरा दोस्त इतनी भयंकर रूपसे दर गया था। ये जानने के लिए में सुभे उठ के तुरंत ही अपने दोस्त से मिलने गया वहां जाकर पता चला के पूरी रत उसे बुखार रहने के वजेसे उसे हस्पताल लेकर गएँ हे। में वहां उनके घर बैठा उसका इंतजार करता रहा। जब वो लौटे तो उनकी माँ बहत ही चिंतित थी और मुझे दन्त ते हुए बोली तुम दोनों को कितनी बार कहा हे की रात में उस सैमसन वाले रस्ते से मत आया करो। वैसे और एक रास्ता तो हे घर आने का पर वो रास्ता भट ज्यादा ही लम्बा पड़ता हे। मैंने जब उनसे घुसा करने की वजह पूछी तो उहोने बताया की कैसे कल रत हम दोनों एक बुरी आत्मा के चंगुल में फास्ट फास्ट रह गए।  ये सुनते ही मेरे सर से पसीने आने लगे। उन्होंने बताया ये के कल रत जिस आत्मा से हमारा सामना हुआ था वो मादल था एक ऐसा सेटन जिसका सर नहीं होता पर उसे साँस लेने की तालाब होती रहती हे। वो इंसान के सरीर से उसके सांसो को धीरे धीरे सोख लेता हे। हमारी किस्मत अछि थी जो वहां अचानक दो अघोरी पहंच गए थे जिहने देख कर वो चला गया। वरना  कुछ भी हो सकता था। उनसे बचने का एक ही तरीका होता हे कभी भी एक जगह खड़े मत होइए। 

जब एक प्रेत आत्मा ने केहेर ढाया - अंतिम भाग






 

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TOP HINDI MISTRY क्या होगा अगर हमारी प्यारी धरती घूमना बंद करदे तो?

 क्या होगा अगर धरती घूमना बंद करदे तो? 

TOP HINDI MISTRY क्या होगा अगर हमारी प्यारी धरती घूमना बंद करदे तो?



क्या होगा अगर हमारी प्यारी धरती घूमना बंद कर दे ? यह एक बेहद ही हैरान कर देने वाला सवाल है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ऐसा वाकई में होता है तो क्या होगा इस संसार का और क्या होगा हमारा? तो चलिए जानते हे के क्या होगा अगर धरती घूमना बंद कर दे तो ?


हमारी धरती सूर्य मंडल का तीसरा ग्रह है. धरती सूर्य परिक्रमा करने में 365 दिन का समय लेती हे। वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती हर सेकंड में करीबन आधा किलोमीटर (460 मीटर) तक का सफर पूरा करती हे। और इसके साथ हम भी उसी गतिसे रोज़ गति करतें हे। तो जरा सोच कर देखिए कि अगर आपका कोई भी गाड़ी  एक सेकंड में आधा किलोमीटर का सफर तय कर रहा हो और अचानक रुक जाए तो क्या होगा? आप अपनी सीट से उठकर काफी दूर जाकर गिरेंगे।  ठीक उसी तरह धरती के साथ-साथ हम भी उसके साथ गतिशील हे। सारी हवाएं सारे बस्तु यहां तक कि सारे भौतिक भी गतिशील होतें हे। अगर धरती थोड़ी देर के लिए रुक जाती है तो वैज्ञानिकों के अनुसार सारे समुद्र का पानी एक झटके में आपस में मिल जाएंगे और भयंकर सुनामी का रूप लेके पृथ्वी की सतह पर फेल जाएंगे। इसे धरती का 90 फ़ीसदी भाग महज चंद मिनटों में जल में निमग्न हो जाएगा। पर उससे पहले ही हवा के तेज़ दवाब के चलते सारे घर और बड़े-बड़े इमारत टूटकर गिरने लगेंगे। यहां तक कि एक घर्षण बल से दो परमाणु बम फटने के समान ऊर्जा पैदा होने की संभावना हे। इससे जितनी तबाही हो सकती है उससे कहीं ज्यादा तबाही की आशंका की गई हे।   वैज्ञानिकों का यहां तक भी मानना है कि अगर ऐसा होता है तो सभी बड़े-बड़े हिम खंड भारी तेजी से  टूटेंगे  और समुद्र में एक बड़े सुनामी करने में मदद करेंगे। यहां तक कि कई बड़े-बड़े गड्ढे धरती के सतह पर देखने को मिल सकती है. यह इसलिए होगा क्योंकि धरती के अंदर की ओर में जो मैग्नेटिक फील्ड मौजूद है उस पर भरी दवाब हेतु वह मैग्नेटिक फील्ड में काफी तेजी से बदलाव आएंगे। और सबसे आश्चर्य की बात यह होगी कि कहीं कहीं जगह चांद दिखना बंद हो जाएंगे। इस वजह से पृथ्वी का एक हिस्सा जो 6 महीने तक उजाले में और दूसरा हिस्सा अंधेरे में डूब जाएगा। बैज्ञानिकों की माने अगर ऐसा 3 से लेकर 4 साल तक चलता रहे तो धरती में जीवन की सत्ता पूर्ण रूप से नष्ट और समाप्त हो जाएगी। वैसे बैज्ञानिकों का कहना हे आज तक ब्रह्मांड में एसी विचित्र घटना का उदाहरण कभी भी देखने को नहीं मिला है। ये मात्र एक कल्पना हो सकती है। और आने वाले 400 से लेकर 600 सालों के अंदर ऐसी कोई घटना घटने की संभावना नहीं है। वैसे क्या आप जानते हैं कि अगर द्वितीय विश्व युद्ध नहीं होता तो आज परिस्थितियां कैसी होती और अगर जीते विश्व युद्ध में जर्मनी जीत जाता तो क्या होता जानेंगे हमारे लेख के अगले हिस्से में। तब तक हमारी और भी कहानियां पढ़ते रहिए और अपने कीमती सुझाव हमें देते रहिए।

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क्या हो अगर धरती का सारा पानी एक साथ सुख जाये तो?

 क्या हो अगर धरती का सारा पानी एक साथ सुख जाये तो? 

क्या हो अगर धरती का सारा पानी एक साथ सुख जाये तो?




क्या आपने कभी सोचा हे अगर हमारे धरती से सारा पानी जो नदी, झरने, सागर और तालाब में हे वह गायब हो जाए तो हमारे ऊपर क्या असर होगा? क्या मानव सभ्यता बिना पानी के जीवित रह पाएगी। और क्या हो अगर कल के कल हमारे पृथ्वी के सारे महासागर और सागर में से पानी सूख जाए। बड़ी विचित्र लगने वाली यह बातें अगर कभी सच हुई तो क्या होगा ?

दोस्तों जैसे कि हम सबको पता है कि हमारी धरती की तीन-चौथाई हिस्सा जल और सिर्फ 1 भाग स्थल होता है । यानी कि सारा का सारा जो स्थल जीवन है वह सिर्फ एक भाग है । उसी तरह अगर पूरे पानी को शो फ़ीसदी पकड़ा जाए तो सागर और महासागर के पानी की तादात 97 फ़ीसदी होती है। ऐसे में अगर सारा सागर और महासागर का पानी सूख जाता है तो जाहिर सी बात है कि हमारे धरती पर अचानक से एक बड़ी संकट आ पड़ेगी।

तो चलिए जानते हैं क्या क्या होगा अगर  सारा पानी एक दिन सूख जाता है। वैसे तो यह बातें सिर्फ कल्पना में ही सत्य लग सकती है कि पृथ्वी का सारा पानी सूख जाए लेकिन अगर ऐसा बकेयी में हो तब भी ऐसा होते होते करोड़ों साल बीत जायेगा । वैज्ञानिकों का मानना है कि इस धरती पर पहले जीवन की रचना जल में ही हुई थी।  ऐसे में अगर सारा पानी  सूख जाता है तो पहली बड़ी आफत हमारे वायुमंडल पर गिरेगा। 

सागर और महासागर पृथ्वी के जलवायु को नियंत्रित करते हैं। ऐसे में अगर पानी सूख जाता है तो जलवायु अनियंत्रित हो जाएगा। ऋतू चक्र बिगड़ जाएगी जिसकी भरपाई नहीं हो पाएगी।  हालात यह हो जाएंगे कि विश्व का एक बड़ा हिस्सा रेगिस्तान में धीरे-धीरे परिवर्तित हो जाएगा। 

जाहिर सी बात है पानी खत्म हो जाएगा तो पहले हमारे पानी में रहने वाले जीव मर जाएंगे। सागर और महासागर का पानी सूखने के बाद 3 फीसदी जो हमारी झील और नदी आदि में बचे हुए होते हैं वह बाकि 97 फ़ीसदी पानी की कमी को नहीं भर सकेंगे। और धीरे-धीरे वह भी सूखने लगेंगे। 

 पानी के सूखने के बाद सूरज की रोशनी में जबरदस्त इजाफा होगा और हमारी धरती तब तक तपती रहेगी जब तक कि सारा का सारा हिस्सा रेगिस्तान में परिवर्तित नहीं हो जाता। पानी ना होने की वजह से तापमान में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। और सारे के सारे पेड़ पौधे सूखने लगेंगे। 

पेड़ पौधे सूखने के बजे से कई जीव खाने की कमी के वजेसे से धीरे धीरे मरने लगेंगे। इसके बाद एक भीषण भुकमरी का दौर शुरू हो सकता है।  भुखमरी और महामारी के कारण अब इंसानी बस्ती भी प्रभावित होना शुरू कर देंगे। अपने रोज़ मर्रा के जरूरतों को भी पूरा करपाना मुश्किल होता जायेगा। 

 पानी के अभाव में धीरे-धीरे इंसानी प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर आजायेगी, फिर पानी के नाम पर सुरु होगी एक भयंकर बिस्वा युद्ध। ताकतबर मुल्क छोटे छोटे मुल्क पर कब्ज़ा करेंगे पर ये जंग निसानी बस्ती का नमो निसान मिटा के रख देगा। 

क्या पता कभी हमारी ग्रह को दूसरे ग्रह के जीव यह देखने के लिए आये की पहले हमारी धरती पर जीबन कैसे हुआ करती थी। जैसे आज हम दूसरे ग्रहो के वारेमे जानने के लिए जाते हे। 

सूरज  की गर्मी बढ़ने के कारण पृथ्वी पर कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे जेहरीले गैस बढ़ जायेंगे। पेड़ ना होने के वजेसे ऑक्सीजन की मात्रा ना के बराबर हो जायेगा। यहां तक कि ओजोन लेयर भी नष्ट हो जाएगा। ओजोन लेयर के नष्ट होने के साथ ही हमारी पृथ्वी पर जीवन की जो आखिरी उम्मीद होगी वह भी खत्म हो जाएगी। 

शायद इसीलिए जल को जीवन कहा जाता है। क्योंकि जल के बिना धरती पर जीवन कभी भी संभव ही नहीं हो पाता। तो दस्तो ये थी आज की हमारी पारी कल्पना आपको कैसा लगा जरूर बताइये। धन्य बाद। 

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दूसरी दुनिया एक रहश्य भाग- 4

दूसरी दुनिया एक रहश्य भाग- 4    

दूसरी दुनिया एक रहश्य भाग- 4



डॉक्टर मैं कहां हूं यह कौन सी जगह है ? यह तुम मुझे कहां ले आए ? ऐसेही कुछ सवाल थे जब अरमान को होस आया। 

नर्स जल्दी करो होश आ गया है इसे । इंजेक्शन लाओ, वो जो मैंने कल तुम्हें लाने को कहा था । 
तुम्हें कुछ नहीं होगा अरमान तुम ठीक हो जाओगे । 

डॉक्टर पहले यह तो बताओ कि मैं हूं कहाँ  ? 

तुम मेरे घर में हो अरमान तुम्हें बहुत सारे चोट लगे हैं । पर कोई बात नहीं तुम ठीक हो जाओगे। मैं तुम्हें ठीक कर दूंगा। 

मुझे यह चोट कैसे लगे? 
एक लंबी कहानी है मेरे दोस्त तुम उस वक्त होश में नहीं थे। सब बताऊंगा पर पहले तुम ठीक हो जाओ। 

अरमान जिंदगी और मौत की उस दहलीज  से वापस आया था जहां मैंने उसके लौटने की सारी उम्मीद छोड़ दी थी। उस रात उस दरिंदे ने अरमान की रूह को इतनी चोट पहंचाई की कोई आम इंसान होता तो वो दम तोड़ देता। यह महज एक इत्तफाक नहीं हो सकता कि उस किताब को पढ़ने के बाद अरमान के पिता जी कहां गायब हो गए । हो सकता है कि उस किताब में कुछ ऐसी बातें लिखी हो जिन्हें समझ पाना मेरे बस से बाहर हो, लेकिन आज भी उस किताब में ऐसी कई सारी बातें दर्ज है जिनको समझना और जानना मुझे अब जरूरी लगने लगा था। अरमान को इस हालत में देखना मेरे लिए अब बर्दाश्त से बाहर था । मेरे पूछे गए सवाल के बदले में उस प्रेत आत्मा ने अरमान के शरीर को लहूलुहान कर डाला। मुझे नहीं पता था कि मेरे सवालों की कीमत इतने ज्यादा होंगे। आज इस बकिए को 3 महीने बीत चुके हैं। बड़ी मुश्किल से अरमान को होश आया है। शायद मैं उससे माफी मांगने के लायक भी नहीं रहा। कभी-कभी हम ना चाहते हुए भी उस हद तक चले जाते हैं जहां से लौट के आ पाना हमारे लिए नामुमकिन हो जाता है। धीरे-धीरे वक्त आगे बढ़ता गया।

अरमान को ठीक हुए 1 हफ्ते से भी ज्यादा वक्त हो चुका था। अब वह अपने घर लौट जाना चाहता था। लेकिन अभी भी उसके ज़ख्म हरे थे। चाह कर भी मैं उन जख्मों को पूरी तरह से ठीक नहीं कर पा रहा था। मैं जैसे ही अरमान को उसके घर ड्रॉप करके निकल रहा था तो अरमान ने थोड़ी देर उसके पास बैठने को कहा। बिना कुछ कहे मैं उसके पास थोड़ी देर बैठ गया। न जाने एक अजीबसी खामोशी छा गई थी। पहले भी वह घर किसी बिराने से कम नहीं था। लेकिन आज कुछ अलग ही खामोशी थी। 

मुझे माफ कर देना अरमान मेरी वजह से तुझे तकलीफ उठानी पड़ी अगर मैं उस दिन खामोश रह जाता तो शायद आज तू इतने दर्द में ना होता। तभी अरमान ने मेरे कंधे पर अपना हाथ रख कर मुस्कुराते हुए मुझसे कहा मेरे दोस्त मैंने कहा था ना हर चीज की एक कीमत होती है । और तू मेरा दोस्त है और मैंने ये कीमत अपनी दोस्ती के लिए अदा की हे। तू दिल पर कोई भी बोझ मत रख अब सब ठीक है।

अरमान को उसके घर छोड़ने के बाद मैंने कुछ दिन अकेले में कहीं दूर जा कर घूम आने की सोची। कुछ पल अकेले में बिताना चाहता था। इस भीड़ भरी दुनिया से अलग कुछ पल अकेले सिर्फ अकेले। दिल पर कहीं सारे बोझ थे। तो उन्हें हल्का करने के लिए मैं स्विजरलैंड चला गया। वहां पर दो-तीन हफ्ते बिताने के बाद भी मेरे दिल से वो बोझ हल्का नहीं हो रहा था। सबसे बुरी बात तो यह थी कि मैं किसी साइकैटरिस्ट के पास भी नहीं जा सकता था। एक डॉक्टर होते हुए इन सारी बातों को किसी साइकेट्रिस्ट को बताना मेरे लिए बेवकूफी होती। सोचा समय के साथ सब धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।
अपनी यादों के साथ में वहां से लौटने की तैयारी कर ही रहा था कि तभी अचानक एक रात मुझे अरमान के नंबर से कॉल आया । मेरे फोन उठाते ही अगले ओर से किसी की रोने की आवाज सुनाई दी । पहले तो मैंने नंबर चेक किया यह देखने के लिए कि कॉल अरमान का है या नहीं । लेकिन कॉल अरमान के मोबाइल से ही आया था । पर रोने की आवाज किसी औरत की थी। पता नहीं चल पा रहा था कि वह औरत कौन है । रोते-रोते आवाज में सिर्फ इतना ही सुनाई दिया की अरमान को बचा लो वह उसे ले गई है, मेरे पूछने पर भी उस औरत ने मुझे अपना नाम नहीं बताया।

जीवन के हर मोड़ पर मैंने कुछ ना कुछ खोया था और आज मैं अपने दोस्त को खोना नहीं चाहता था। मेरे लाख पूछने पर भी उस औरत ने अपने बारे में कुछ नहीं बताया बस धीमी आवाज में इतना ही बोल पाई कि वक्त बहुत कम है।

मैं तुरंत ही वहां से निकला अरमान के घर । मुझे पता था यह जो कुछ भी हो रहा है इसके पीछे वजह मैं ही हूं। अगली सुबह जब में अरमान के घर पहुंचा तो मैंने देखा कि दरवाजे खुले हुए हैं और अरमान खून से लथपथ नीचे पड़ा है। उसकी हालत बदतर हो चुकी थी। अचानक उसकी पीठ पर गहरे जख्म बन गए थे। इससे पहले कि मैं कुछ कर पाता अरमान ने मुझे धीरे से अपने पास बुलाया और हल्की आवाज में मेरे कानों में बोल उठा सौदे को आधे में छोड़ कर आने का अंजाम देख लो डॉक्टर । तुम्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। अगर तुम अपने दोस्त को जिंदा देखना चाहते हो तो तुम्हें फिर से इस सौदे को पूरा करना होगा। इतना ही बोल कर अरमान बेहोश हो गया। शायद सच में मेरे पास वक्त बहुत कम था। मेरी जिंदगी अब राख बन चुकी थी। मेरे अपने ही दोस्त को मैंने नर्क में धकेल दिया था। और अब उसे कैसे बचाऊं इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी । अपने दोस्त को अपनी आंखों के सामने तड़प तड़प के मर ता हुआ देखना बहुत ही दर्द भरा था। एक डॉक्टर होते हुए भी अपने दोस्त के जख्मों को भर नहीं पा रहा था मैं। कभी-कभी जिंदगी आपको ऐसे हालात में लाकर खड़ा कर देती है जहां पर आपको ना चाहते हुए भी उन लोगों की मदद लेनी पड़ती है जिन से दोबारा मिलना तक गवारा ना हो। हर्षिता दीवान, कहने को तो हम साथ में पढ़ते थे साथ में हमने डॉक्टर की डिग्री भी हासिल की लेकिन उसकी दिलचस्पी हमेशा से ही भूत प्रेत और नेगेटिव एनर्जी के बारे में ही थी। कभी-कभी वो खुद इतना नेगेटिव बन जाती कि उसकी शक्ल तक देखना मुझे पसंद नहीं आता। पर ऐसी हालत में सिर्फ वही एक ऐसी लोती इंसान थी जो हमारी मदद कर सकती थी। मैं तुरंत ही अरमान को अपने गाड़ी में बिठाया और हर्षिता से मिलने निकल पड़ा। सबसे बड़ी दिक्कत जो हमारे सामने थी वो थी उसे ढूंढना । 2 साल पहले उसकी मां की गुज़र जाने के बाद उसने अपना घर छोड़ दिया और उसके बाद वह कहां है यह किसी को भी नहीं पता। मैंने अपने पूरे फ्रेंड सर्कल में पता लगा लिया पर कोई भी ऐसा नहीं था जो यह बता सके कि हर्षिता दीवान कहां पर है । मुझे किसी भी हालत में उस तक पहुंचना था। हर्षिता बचपन से ही अपनी नानी के घर में पली-बढ़ी थी । और मुझे यह अंदाजा था कि हो ना हो उसका पता शायद उसके नानी के घर में किसी को पता हो । मैंने तुरंत ही अपनी गाड़ी को हर्षिता के नानी के घर की ओर मुड़ा और मेरा अंदाजा सही निकला । वहां जाकर हमें हर्षिता का फोन नंबर और पता मिला। में तुरंत ही उस पते पर निकल पड़ा। वहां पहंच कर मैने घर की घंटी बजाई पर दरवाजा खोलने कोई नहीं आया। लंबे समय तक इंतजार करने के बाद मैंने कॉल लगाना मुनासिब समझा। मैंने जैसे ही उस नंबर पर कॉल लगाया तो सामने से बहुत धीमी धीमी आवाज आने लगी। आवाज इतनी धीमी थी कि अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा था कि सामने से कोई क्या बोल रहा है। गौर से सुनने पर मुझे सिर्फ इतना सुनाई दिया कि तुम गलत पते पर आ गए हो। और उसके हसने के अंदाजे से पता लग चुका था कि वो हर्षिता नहीं थी। तभी अचानक दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि मेरे सामने हर्षिता खड़ी थी पर उसके हाथ में मोबाइल नहीं था। पर मेरे कानों में हंसने की आवाज बराबर आ रही थी।वो कौन थी जो हमारा पीछा साए की तरह कर रही थी। क्या हर्षिता हमारी मदत कर पाएगी। क्या था वो सौदा जो अधूरा रह गायाथा जानेंगे कहानी के अगले भाग में।
कहानी आगे जारी रहेगी। 

दूसरी दुनिया एक रहश्य भाग- 3










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कौन हे स्त्री ? क्या हे इसके पीछे का रहस्य ?

कौन हे स्त्री ? क्या हे इसके पीछे का रहस्य ?  

कौन हे स्त्री ? क्या हे इसके पीछे का रहस्य ?



1990 का दौर था जब बेंगलुरु भारत का आईटी हब नहीं हुआ करता था। तब बेंगलुरु के एक गांव में रात को आदमियों की अनजान तरीके से मौत होने लगी। कुछ दिन बाद इस गांव में ऐसी वारदातें बढ़ने लगी। और इसी के साथ बढ़ने लगी चुड़ैल की अफवाह। लोगों का मानना था कि एक चुड़ैल रात को दरवाजा खोलने को कहेगी और तुम्हारी किसी परिजन की आवाज निकालेगी। ताकि लोग दरवाजा जल्दी खोलें और परिजन भी ऐसा जो घर से बाहर का हो। और दरवाजा खोलने के बाद उस आदमी की मौत हो जाती थी। सब लोग परेशान हो चुके थे इसलिए लोगों की बढ़ती मौत को देखते हुए उनको किसी ने एक उपाय बताया। उपाय यह था कि सब लोग अपने दरवाजे पर नाले बा लिखले जिसका मतलब कन्नड़ में काल आना होता है। और वह चुड़ैल करती भी यही थी पहले तो वह दरवाजा खोलने को कहती थी लेकिन फिर नाले बा लिखा देख अगले दिन आती थी। और फिर अगले दिन दोबारा यह क्रम दोहराता रहता। कुछ दिन ऐसे ही चला लेकिन फिर जैसे बाकी अफवाहों का अंत हो जाता है वैसे यह बात भी शांत हो गई। लेकिन आज भी उस गांव के लोग उस चुड़ैल से बहुत डरते हैं। लेकिन यह बात आज तक नहीं खुली के इन लोगों को मारा ? और हर रात को कौन दरवाजा खोलने के लिए कहता था? इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आज बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में 1 अप्रैल को नलेबा दिवस मनाया जाता है। तमिलनाडु के आसपास भी ऐसी ही घटना के बारे में बातें होनी शुरू हुई। वहां पर भी ऐसी ही बात हुई कहा गया कि कोई चुड़ैल मर्दों को बुलाती है और उनका खून चूस उन्हें अपने साथ ले जाती है। या बात इतनी बढ़ गई कि लड़के अपने साथ लाठियां लेकर चलने लगे। हद तो तब हुई जब किसी ने यह कह दिया कि मंदिर की देवी का मंगलसूत्र टूट गया है। अब कलयुग खत्म होने वाला है। शहर और आसपास की सारी औरतें सुनार की दुकानों पर टूट पड़ी थी। अपने मंगलसूत्र नए बनवाने के लिए शहर में समान खत्म हो गया था। आस पड़ोस की जगह से मंगवाने पड़े थे मंगलसूत्र।तमिलनाडु की तरह यहां भी वही तरीका निकाला गया यानी दरवाजों और दीवारों पर वही बात लिखा गया लेकिन तेलुगु में। ऐसी और एक कहानी बिहार के छोटे-छोटे शहरों में भी फैली थी बूढ़ी औरत आती है प्याज मांगती है नहीं दो तो जान ले लेती है। इससे बचने के लिए लोगों ने घरों के बाहर वाले दरवाजे की दोनों तरफ हाथ के चिन्ह बनादिये। लोगों का मानना था ऐसा करने से उस आत्मा को रोका जा सकता है। ऐसे ढेर सारी घटनाएं भारत के कोने कोने में फैली हुई है। अब ये बस्तबिक है या फिर कोई अंधविश्वास ये एक बेहेस का विषय है।
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तो कौन हे लूसिफर ? एक दानव या एक देवता !

 तो कौन हे लूसिफर ? एक दानव या एक देवता ! 

तो कौन हे लूसिफर ? एक दानव या एक देवता !



तो दोस्तो जैसा की आप सबको पता होगा की इस दुनिया में इंसान और बुरी आत्माएं दिनों ही बास करती है। क्यों के अंधेरा होने पर ही रोशनी की जरूरत होती है। और कुछ बुरी सक्ती हमेशा रोशनी को मिटाने के चक्कर में होती है। तो में आप सबको आज ये बताऊंगा के कैसे एक रोशनी के दूत ने अंधेरे का साथ दिया और बन गया अधेरा का सबसे ताकतवर शहंशह। हम बात करेंगे लूसिफर के बारेमे। लूसिफर का जन्म स्वर्ग में हुआ था। खुद ईश्वर ने लुसीफेर को स्वर्ग लोक का सबसे कीमती पद प्रदान किया। देखते ही देखते वो स्वर्ग लोक का सबसे ताकतवर देवदूत बन गया। लुसिफर शब्द का अर्थ है सुबह का तारा। वो सभी देवदूतों मेसे अधिक ज्ञानी था। एक समय पे तो वो इस्वर का सबसे प्रिय देवदूत बन गया था। वो हर विषय पर अपना मंतव्य जरूर देता था ? हर एक उसकी बातों को सुनकर ये मानने लगे थे कि वह उन सब में से सबसे ज्ञानी है। सभी उसकी पूजा करने लगे।और उसे ईश्वर के समान मानने लगे। फिर इसी बात से लूसिफ़ेर में धीरे धीरे घमंड बढ़ने लगा। वो खुद को सबसे बड़ा मानने लगा। फिर भगवान ने जब जीसस को बनाया तो लुसिफर इसे देखकर हैरान था कि धीरे-धीरे कैसे सारे देवदूत जिसस के प्रति आकर्षित हुए जा रहे थे। बस यही बात उसे बैचैन करने लगी। और वह धीरे-धीरे अपना गुस्सा जाहिर करने लगा। एक बार ईश्वर ने जीसस के साथ स्वर्ग में किसी एक विषय पर चर्चा का आयोजन किया और उस चर्चा में सारे देव दुतो को निमंत्रण भेजा। लेकिन लुसिफर के आचरण के चलते ईश्वर ने लुसिफर को इस चर्चा में शामिल होने का निमंत्रण नहीं भेजा। इसके चलते लुसिफर बहुत ज्यादा गुस्सा हो गया। और ईश्वर से बगावत करने तक उतर आया। उसने ईश्वर के खिलाफ एक सम्मेलन का आयोजिन किया। उसके अपार शक्तियों के वजह से स्वर्ग लोगों के कई सारे देवदूत उसके आकर्षण में आकर सम्मोहन के शिकार हो गए। और उन सभी ने ईश्वर के बदले लुसिफर का साथ देना सही समझा। इसके चलते धीरे-धीरे स्वर्ग के एक तिहाई सदस्य लुसिफर के साथ हो गए। जब ईश्वर को इस बात का पता चला तो उन्होंने तुरंत ही लुसिफर को अपने पद से निष्कासित करते हुए उसे स्वर्ग से बाहर करने का फैसला लिया। और इसी के चलते लुसिफर और ईश्वर के बीच एक अनंत युद्ध की शुरुआत हो गई। लुसिफर जाते-जाते ईश्वर को यह चेतावनी देता गया कि वह ईश्वर के समस्त रचना को तब तक नष्ट करता रहेगा जब तक कि उनकी सारी रचना नष्ट ना हो जाए। ईश्वर ने लुसिफर के साथ-साथ उन सारे दोस्तों को भी स्वर्ग से निष्कासित कर दिया जिन्होंने लूसीफर का साथ देने का फैसला किया था। स्वर्ग से निकाले जाने पर लुसिफर ने तुरंत ही नर्क का यात्रा क्या। वहां उसने पापी आत्माओं को दंड भुगतते हुए देखा। और वहीं से उसने अपनी यात्रा की शुरुआत की। उस ने शपथ ली के वह ईश्वर के द्वारा रची गई अच्छी रूह को भी अपने शक्ति के बस में कर उनसे पाप करवा कर सभी को नर्क में कैद कर लेगा। हालांकि लुसिफर को कई लोग अच्छा भी बताते रहे हैं । लु सीफर के पास दो सफेद पंखे है।

जो देखने में देवदूत के समान है। क्योंकि लुसीफर पहले से ही एक देवदूत और ईश्वर का संतान हुआ करता था। वो हमेशा लोगों से बुरा काम नहीं करता है। वो लोगों को सम्मोहन करता है।लेकिन यह आखिरकार उस इंसान पर ही निर्भर करता है कि वह किस हद तक पाप करने को तत्पर है। लुसिफर को पाप का देवता भी माना गया है। क्योंकि लूसिफ़ेर अपनी शक्तियों से लोगों को सात प्रकार के पाप करवाने में समर्थ है। लूसीफर में एक अलग ही आकर्षण होता है। जिसे वह आम इंसान को अपने बस में तुरंत ही कर लेता है। लुसिफर नर्क के 8 राजाओं जितनी शक्तिशाली भी है। उसके पास नर्क के 8 राजाओं की शक्ति जोड़कर जितनी शक्ति होती है उतनी है। लुसिफर लोगों से जो पाप करवाता है उन्हें करवाने के लिए उसने अपने सात सेनापति को नियुक्त किया है। जो कि अपना काम बहुत ही अच्छेसे करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ईश्वर को प्रिय होने के कारण ईश्वर ने आज तक उसके गलतियों को माफ करते आएं है। पर अगर लूसिफ़ेर नहीं सुधरा तो ईश्वर उसे आखिर में दंड जरूर देंगे। अब इस बात में कितनी सच्चाई है क्या सच है क्या कहानी है इसे जान पाना तो संभव नहीं लेकिन मेरा यह जरूर मानना है कि अगर भगवान होते हैं तो उनके समान है शैतान जरूर होते हैं।

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भारत के कुछ ऐसे किल्ले जो अपने अंदर समाये हुए हैं कई राज़।

भारत के कुछ ऐसे किल्ले जो अपने अंदर समाये हुए हैं कई राज़।


हमारा देश भारत हमेशा से ही अद्भुत कला और संस्कृति का देश रहा है प्राचीन काल से ही भारत में कई महान राजाओं का जन्म हुआ जिन्होंने भारत की संस्कृति का प्रचार प्रसार करने का काम किया।महान राजाओं ने भारत में बहुत से बड़े बड़े किलों का निर्माण करवाया। इन किलों का इस्तेमाल संस्कृति और कला तक सीमित नहीं था। बल्कि वे यहां पे सेनापति जैसे महत्वपूर्ण लोगों को संरक्षण देते थे और इन किलों में युद्ध के हथियार समेत और भी जरूरी वस्तुएं रखी जाती थी। भारत में कई किले ऐसे ही बनाए गए जिनके निर्माण के पीछे कोई ना कोई रहस्य जरूर छिपा है । तो चलिए हम आपको बताने वाले हैं भारत के कुछ ऐसे किलो के बारे में जो अपने आप में ही एक रहस्य है।

पहला है चुनारगढ़ का किला । चुनार गढ़ की धरती पर कई सारे तपस्वी ने तपस्या की है और यहां स्थित किला भारत के प्रमुख ऐतिहासिक विरासत और एक अनमोल धरोहर है। चुनार गढ़ किला इतिहास के पन्नों में एक महत्वपूर्ण स्थान है । क्यों कि ये किला लगभग 5000 साल पुराने इतिहास का साक्षी है। इस किले का निर्माण जिस पहाड़ी पर हुआ है वह पहाड़ी मानव चरण के आकार जैसी प्रतीत होती है ।और इसी वजह से इसका दूसरा नाम चरणद्री गढ़ भी है। ऐतिहासिक पर महाभारत काल कई शासकों से लेकर उज्जैन के महान सम्राट विक्रमादित्य और अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने राज किया और शासकों के बाद इसके लिए पर अकबर और शेर शाह सुरी जैसे मुगल बादशाहों ने शासन किया। इस किले कि लेकर कौन सारे रहस्य आज भी उजागर नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है किइस किले में एक योगी जी ने समाधि ली थी ।और उनकी अलौकिक आत्मा इस किले में घूमती है। चुनारगढ़ का किला भारत का सबसे ऊंचा किला है। और इस बात का प्रमाण इस के अद्भुत बनावट में मिलता है ।

दूसरा शनिवारवाड़ा किला। शनिवारवाड़ा किला भारत के सबसे डरावनी और रहस्यमई किलो में से एक है जो कि भारत के प्रमुख राज्य महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित है। इस किले का निर्माण 1746 में मराठा साम्राज्य को बुलंदियों पर ले जाने वाले पेशवा ने करवाया था। ये किला 1828 तक मराठों के अधिकार में रहा।और बेहतरीन कारीगरी को दर्शाता है। सन 1828 में इस किले में आग लग गई और इसका एक बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ गया और आग लगने का कारण आज भी एक रहस्य बना हुआ है। लेकिन यह बात यहीं तक नहीं रुकती क्योंकि बहुत से स्थानीय लोग बताते हैं कि इस किले से हर अमावस की रात एक दर्द भरी आवाज आती है और इस आवाज को आज भी यहां सुना जा सकता है। कई लोगों का कहना है कि इस किले मैं कोई आज भी बचाओ बचाओ की आवाज के साथ चीखता है। और यह एक ऐसे व्यक्ति की है जिसकी हत्या हो गई थी और हत्या के बाद उसके मृत शरीर को एक नदी में बहा दिया गया था । ऐसी मान्यता है कि बाजीराव की मृत्यु के बाद इस महल में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया था और ऐसी राजनीतिक दांवपेच और सत्ता के लालच में इस महल में महज 18 साल की उम्र में नारायण राव की हत्या कर दी गई थी कहते हैं कि उनकी आत्मा भी इस किले में मौजूद है।

तीसरा रोहतासगढ़ का किला। बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्राचीन किला है। इस प्राचीन और मजबूत किला को अयोध्या के राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने करवाया था। यह बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 और डेहरी आन सोन से 43 किलोमीटर की दूरी पर सूर्य नदी के बहाव वाले दिशा में एक पहाड़ी पर निर्मित है। ये किला समुद्र तल से करीब 15 मीटर ऊंचा है इसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान चूपने के लिए किया जाता था। इसकी चारदीवारी का निर्माण शेरशाह सूरी ने किया था कई लोगों द्वारा कहा जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर सिंह ने अंग्रेजो के खिलाफ स्वतंत्रता का पहला युद्ध इसी किले से लड़ा था। इस किले के वारेमे एक ऐसी कहानी प्रसिद्ध है जिसे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी क्योंकि कई स्थानीय लोग द्वारा कहा जाता है के यहां के दीवारों से खून निकलता था। और अजीब सी आवाजें भी आती थी इसके पीछे का कारण आज भी अज्ञात है । कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार कहा जाता है कि इसमें से भूत की आवाज भी आती है ।और ये आवाज बहुत ही शक्तिशाली है।

चोथा ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर ग्वालियर का प्रमुख स्मारक है। अकेला प्राचीन मध्य भारत के अद्भुत कारीगरी और शिल्प कार्य का बेजोड़ नमूना है । इतिहासकारों के मुताबिक इस किले का निर्माण बघेल शासक ने किया था पर किले पर बघेल राजाओं ने लगभग 1000 सालों तक राज किया। इस किले में कई ऐसी मूर्तियां स्थापित हैं जो की बहुत ही पुरानी और मूल्यवान है। साथ ही इस किले की दीवारों को बहुत ही रहस्यमय ढंग से बनाया गया है। और इन दीवारों पर बहुत ही कुशल कारीगरों द्वारा बहुत ही शादी हुई नक्काशी की गई है। यह भारत का एकमात्र ऐसा किला है जिसे आज तक कोई जीत नहीं पाया था । कई खोजकर्ता और इतिहासकार बताते हैं यहां ढेर सारा खजाना छिपा हुआ है। किले में ऐसी बहुत सी सुरंग हैं जो आज भी एक रहस्य बनी हुई है । क्योंकि इन सुरंगों का रास्ता कहां जाता है इसके बारे में अब तक कोई नहीं जानता । प्राचीन इतिहासकारों के मुताबिक इस किले का निर्माण बखेल वंश के शासकों द्वारा कराया गया था। किले से जुड़ी एक बात आज भी लोगों के मन में संशय पैदा करती है । वह बात है इस किले का निर्माण की अवधि । क्योंकि स्थानीय लोगों के अनुसार इस किले का निर्माण जिन के द्वारा एक रात में किया गया था। इसलिए लोग किले में जाने से डरते हैं। लोग बताते हैं कि ये किला बहुत ही रहस्यमय और जिन आज भी इसमें छुपे खजाने की रक्षा करते हैं। पर आज तक इस बात की कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है के यह किला एक रात में बनाया गया है या नहीं।

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