भारत के कुछ ऐसे किल्ले जो अपने अंदर समाये हुए हैं कई राज़।

भारत के कुछ ऐसे किल्ले जो अपने अंदर समाये हुए हैं कई राज़।


हमारा देश भारत हमेशा से ही अद्भुत कला और संस्कृति का देश रहा है प्राचीन काल से ही भारत में कई महान राजाओं का जन्म हुआ जिन्होंने भारत की संस्कृति का प्रचार प्रसार करने का काम किया।महान राजाओं ने भारत में बहुत से बड़े बड़े किलों का निर्माण करवाया। इन किलों का इस्तेमाल संस्कृति और कला तक सीमित नहीं था। बल्कि वे यहां पे सेनापति जैसे महत्वपूर्ण लोगों को संरक्षण देते थे और इन किलों में युद्ध के हथियार समेत और भी जरूरी वस्तुएं रखी जाती थी। भारत में कई किले ऐसे ही बनाए गए जिनके निर्माण के पीछे कोई ना कोई रहस्य जरूर छिपा है । तो चलिए हम आपको बताने वाले हैं भारत के कुछ ऐसे किलो के बारे में जो अपने आप में ही एक रहस्य है।

पहला है चुनारगढ़ का किला । चुनार गढ़ की धरती पर कई सारे तपस्वी ने तपस्या की है और यहां स्थित किला भारत के प्रमुख ऐतिहासिक विरासत और एक अनमोल धरोहर है। चुनार गढ़ किला इतिहास के पन्नों में एक महत्वपूर्ण स्थान है । क्यों कि ये किला लगभग 5000 साल पुराने इतिहास का साक्षी है। इस किले का निर्माण जिस पहाड़ी पर हुआ है वह पहाड़ी मानव चरण के आकार जैसी प्रतीत होती है ।और इसी वजह से इसका दूसरा नाम चरणद्री गढ़ भी है। ऐतिहासिक पर महाभारत काल कई शासकों से लेकर उज्जैन के महान सम्राट विक्रमादित्य और अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने राज किया और शासकों के बाद इसके लिए पर अकबर और शेर शाह सुरी जैसे मुगल बादशाहों ने शासन किया। इस किले कि लेकर कौन सारे रहस्य आज भी उजागर नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है किइस किले में एक योगी जी ने समाधि ली थी ।और उनकी अलौकिक आत्मा इस किले में घूमती है। चुनारगढ़ का किला भारत का सबसे ऊंचा किला है। और इस बात का प्रमाण इस के अद्भुत बनावट में मिलता है ।

दूसरा शनिवारवाड़ा किला। शनिवारवाड़ा किला भारत के सबसे डरावनी और रहस्यमई किलो में से एक है जो कि भारत के प्रमुख राज्य महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित है। इस किले का निर्माण 1746 में मराठा साम्राज्य को बुलंदियों पर ले जाने वाले पेशवा ने करवाया था। ये किला 1828 तक मराठों के अधिकार में रहा।और बेहतरीन कारीगरी को दर्शाता है। सन 1828 में इस किले में आग लग गई और इसका एक बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ गया और आग लगने का कारण आज भी एक रहस्य बना हुआ है। लेकिन यह बात यहीं तक नहीं रुकती क्योंकि बहुत से स्थानीय लोग बताते हैं कि इस किले से हर अमावस की रात एक दर्द भरी आवाज आती है और इस आवाज को आज भी यहां सुना जा सकता है। कई लोगों का कहना है कि इस किले मैं कोई आज भी बचाओ बचाओ की आवाज के साथ चीखता है। और यह एक ऐसे व्यक्ति की है जिसकी हत्या हो गई थी और हत्या के बाद उसके मृत शरीर को एक नदी में बहा दिया गया था । ऐसी मान्यता है कि बाजीराव की मृत्यु के बाद इस महल में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया था और ऐसी राजनीतिक दांवपेच और सत्ता के लालच में इस महल में महज 18 साल की उम्र में नारायण राव की हत्या कर दी गई थी कहते हैं कि उनकी आत्मा भी इस किले में मौजूद है।

तीसरा रोहतासगढ़ का किला। बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्राचीन किला है। इस प्राचीन और मजबूत किला को अयोध्या के राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने करवाया था। यह बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 और डेहरी आन सोन से 43 किलोमीटर की दूरी पर सूर्य नदी के बहाव वाले दिशा में एक पहाड़ी पर निर्मित है। ये किला समुद्र तल से करीब 15 मीटर ऊंचा है इसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान चूपने के लिए किया जाता था। इसकी चारदीवारी का निर्माण शेरशाह सूरी ने किया था कई लोगों द्वारा कहा जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर सिंह ने अंग्रेजो के खिलाफ स्वतंत्रता का पहला युद्ध इसी किले से लड़ा था। इस किले के वारेमे एक ऐसी कहानी प्रसिद्ध है जिसे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी क्योंकि कई स्थानीय लोग द्वारा कहा जाता है के यहां के दीवारों से खून निकलता था। और अजीब सी आवाजें भी आती थी इसके पीछे का कारण आज भी अज्ञात है । कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार कहा जाता है कि इसमें से भूत की आवाज भी आती है ।और ये आवाज बहुत ही शक्तिशाली है।

चोथा ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर ग्वालियर का प्रमुख स्मारक है। अकेला प्राचीन मध्य भारत के अद्भुत कारीगरी और शिल्प कार्य का बेजोड़ नमूना है । इतिहासकारों के मुताबिक इस किले का निर्माण बघेल शासक ने किया था पर किले पर बघेल राजाओं ने लगभग 1000 सालों तक राज किया। इस किले में कई ऐसी मूर्तियां स्थापित हैं जो की बहुत ही पुरानी और मूल्यवान है। साथ ही इस किले की दीवारों को बहुत ही रहस्यमय ढंग से बनाया गया है। और इन दीवारों पर बहुत ही कुशल कारीगरों द्वारा बहुत ही शादी हुई नक्काशी की गई है। यह भारत का एकमात्र ऐसा किला है जिसे आज तक कोई जीत नहीं पाया था । कई खोजकर्ता और इतिहासकार बताते हैं यहां ढेर सारा खजाना छिपा हुआ है। किले में ऐसी बहुत सी सुरंग हैं जो आज भी एक रहस्य बनी हुई है । क्योंकि इन सुरंगों का रास्ता कहां जाता है इसके बारे में अब तक कोई नहीं जानता । प्राचीन इतिहासकारों के मुताबिक इस किले का निर्माण बखेल वंश के शासकों द्वारा कराया गया था। किले से जुड़ी एक बात आज भी लोगों के मन में संशय पैदा करती है । वह बात है इस किले का निर्माण की अवधि । क्योंकि स्थानीय लोगों के अनुसार इस किले का निर्माण जिन के द्वारा एक रात में किया गया था। इसलिए लोग किले में जाने से डरते हैं। लोग बताते हैं कि ये किला बहुत ही रहस्यमय और जिन आज भी इसमें छुपे खजाने की रक्षा करते हैं। पर आज तक इस बात की कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है के यह किला एक रात में बनाया गया है या नहीं।

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