अँधेरी सड़क पे दिखा एक साया -भाग 1

hindi stories में आज - कभी कभी इंसान को इशारे समझ लेने चाहिए। 

अँधेरी सड़क पे दिखा एक साया -भाग 1





















अर्जुन , बिकास, दिलीप,और कमल चार दोस्त अपने collage लाइफ पूरी होने के  खुसी में गाड़ी में पिकनिक मानाने निकले। गाड़ी तेज़ हवाओं से बातें  करते हुए जंगल के बिचसे निकल रही थी , गाड़ी में सर्द हावा  भी धीरे धीरे अपना कमाल दिखा रही थी।  बिकास गाड़ी चला रहा था... बाकि तीनो अपनी अपनी आंखे बंद करके होटल में पहंचने का इंतेज़ार  कर रहे थे. के तभी अचानक गाडीकी रुकनेकी बड़ी तेज़ आवाज़ आयी ,और उसी break  क झटके से बाकि तीनो की भी नीड टूट सी जाती हे..


अर्जुन ने बोला  :- अबे साले  नशा  करके आया हे क्या। इतनी जोर का  झटका क्यों दिया. .. मेरे हातों में हल्कीसी मोच आगयी। तभी पीछे बैठे दिलीप  और कमल भी बिकास पे चिलाने लगे। . 

तभी बिकास बोला :- अबे सालों  गाड़ी दो राहों पे हे।  और map दिलीप के पास में हे। 

तभी दिलपि बोल उठा :- क्या बात कर रहा हे , मेरे पास मैप नहीं हे. वो तो अर्जुन या कमल के पास होगा। 

तभी कमल और अर्जुन एक साथ बोल उठे :- हमारे पास कोई मैप नहीं हे।

वो सब मैप साथ में लाना भूल गयेथे। .. तभी बिकास ने कहा :- अरे होटल वाले से हि पूछ लेते हेना। 

पर जंगल में नेटवर्क नहीं मिल राहा था। . बौहत  इंतजार करने पर  भी जब कोई फ़ायदा नहीं हुआ तो अर्जुन ने कहा :- अबे पूरी रात इसी रास्तेपे सोच के बिताओगे क्या। तू एक काम कर गाड़ी लेफ्ट लेले। . 

बिकास बोला :- पर  ये रास्ता गलत हुआ तो। ...... 

अर्जुन :- अरे यार गलत हुआ तो हुआ थोड़ा इस रास्ते पे भी घूम लेंगे। .गाड़ी में पेट्रोल की कोई कमी नहीं हे.. और आगे कोई मिलेगा तो उससे रास्ता पूछ लेंगे। . 

सर्द भरी रातों में रुके रहने का कोई मतलब नहीं था वो सब लेफ्ट की और चल पड़े।  सर्द हवाओं ने फिरसे सबको अपने आगोस में ले  रही  थी की तभी फिर से बिकास के  पैर ब्रेक पे जा लगे । 

अबे  साले अब फिरसे क्या हुआ।  ये बोलके अर्जुन फिरसे चिलाने लगा।  पर इस बार माजरा कुछ और ही था। कई बार पुकारने पर  भी बिकास जबाब नहीं दे रहा था। मानो  जैसे किसी ने उसकी आवाज़ छीन ली हो। 

वो इशारो में चारों  को कुछ दिखाने  लगा। .सर्द  हवाओं के वजेसे सामने ज्यादा दूर देखपाना भी मुश्किल था। .इसीलिए बाकि तीनो को कुछ खास दिखा नहीं। .लेकिन बिकास की आंखे साफ साफ उससे देख सकती थी।

बिकास ने अर्जुन से काहा :- तुझे दिखाई नहीं देता क्या रे।  सामने वो........ जो। .....

बिकाश की कांपती  जबान से पत्ता लग राहता था की सामने कुछ तो हे जिससे देख कर बिकास डर राहा हे। पर  अर्जुन ने बिकास से काहा......

तू गाड़ी साइड से लेले ना, हमे उससे कोई काम नहीं हे तू चुप चाप गाड़ी को साइड से लेले।

अर्जुन की बाते  सुनके बिकास ने गाड़ी को उसके साइड से ले लिया। .

कुछ समये तक गाड़ी एक दम सही चलती रही पर कुछ देर चलने के बाद गाड़ी अचानक रुक गयी।

इसबार गाड़ी को बिकाश ने नेही  रोका था....... गाड़ी अपने आप ही रुक गईथी।।।।।।।।।।।।।।।।




      काहानी का अगला भाग  निचे दिए गए "NEXT" बटन पर क्लिक करके पढ़े


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