Hindi most true scary hunted story एक सच्ची घटना
यह उन दिनों की बात है जब मैं और मेरा दोस्त अपनी कोचिंग खत्म करके रात के 9:00 बजे के करीब घर वापस आरहे थे. रास्ते में हमारे एक श्मशान घाट आता था हालांकि हम बचपन से उसी शहर में रह रहे थे, और न जाने कितनों बार श्मशान के रास्ते आना-जाना हुआ होगा लेकिन उस दिन हम दोनों के साथ कुछ अजीब सी घटनाएं घटी। बात को शुरू करने से पहले मैं एक चीज पर आपका ध्यान केंद्रित करना चाहूंगा कि कभी भी अगर सुनसान रास्ते पर आपको किसी की सांस लेती हुई आवाज बार-बार सुनाई दे और देखने पर भी आसपास कोई नजर ना आए तो कभी भी गाड़ी से मत उतरियेगा । और किसी भी परिस्थिति में एक जगह पर स्थिर होकर खड़े मत रहिएगा। में आपको ये चीज़ इशलिये बता रहा हूँ क्यों के उस दिन की एक घटना से इसका संबध है। जो मैं अभी आप सबके साथ साझा करने वाला हूं। तो बात ये है कि हर रोज की तरह जब हम उस दिन भी अपने घर वापस आ रहे थे न जाने क्यों मेरे बदन में थोड़ी सी पीड़ा होने लगी । गंभीर वाली बात तो नहीं लेकिन ना जाने क्यों मुझे कुछ ऐसा लगा कि मुझे कुछ देर रुक जाना चाहिए। मेरे घुटनों में अचानक से दर्द होने लगे। ऐसा लगने लगा कि बुखार आ जाएगा सर्दी का मौसम रास्ता एकदम सुनसान । रात के 9:30 बज चुके थे क्योंकि यह हमारा रोज का आने जाने वाला रास्ता था इसलिए हमें ज्यादा डर तो नहीं लगा था लेकिन उस दिन वाकई में कुछ अजीब सा लगने लगा। और यहां मेरे पैर में उठा दर्द की वजह से मैं चल भी नहीं पा रहा था। मेरे दोस्त के बोलने पर भी मैंने उसे कुछ समय रुकने के लिए बोला। मेरी हालत देखकर मेरा दोस्त आखिरकार मान गया ।वहां पर थोड़ी देर हमने हमारी साइकिल खड़ी की और उतर कर एक जगह बैठ गए। वहां से महज कुछ ही कदम के आगे श्मशान घाट आता है। हम वहासे जल्दी निकल जाना चाहते थे। सर्द हवाएं और कोहरा आगे देखने में अवरोध पैदा कर रहीथी। तभी अचानक मुझे ऐसा लगा कि कोई इंसान हमारे आस पास बैठा है। कोहरा कितना ज्यादा था आप इस बातसे अंदाजा लगा सकते हो के हम से 5 गज की दूरी के आगे देख पाना भी संभव नहीं था। लेकिन उसकी सांसों की आवाज सुनाई दे रही थी। मुझे लगा कि कोई आम इंसान ही होगा क्योंकि अक्सर यहां पर कुछ लोग बैठा करते हैं और कोई आदमी सर्दी के वजह से सायद कम्प कम्पा रहा होगा। मैंने आवाज को गौर से सुनने की कोशिश की कभी-कभी वह आवाज तेज से आती तो कभी-कभी रुक जाती । लेकिन आश्चर्य की ये बात ये हे की मेरे दोस्त जो की मेरे बगल में बैठा था उसे कोई आवाज सुनाई नहीं दे रही थी। उसने मुझसे कहा मैं ही हूं जो बार-बार सांस ले रहा है वह मुझे सुनाई दे रहा होगा। मेने ज्यादा बेहेस तो नहीं किया लेकिन वहां से जितनी जल्दी हो सके निकल जाना सही लगा । मुझे अब दर लगने लगा था । वहां बैठे हुए हमें बस 2 से 3 मिनट ही हुए होंगे मैंने तुरंत अपने दोस्त से कहा कि हमें यहां से निकलना चाहिए। यह कहकर मैं तुरंत वहांसे उठा और साइकिल निकल कर आगे बढ़ने लगा पर जब मैंने पीछे मुड़ कर अपने दोस्त को दोबारा पुकारा कि जल्दी चलो यहां से तो मैंने देखा कि मेरा दोस्त दूसरी तरफ मुंह करके बैठा है । मैंने उससे थोड़ी ऊंची आवाज में बुलाया और इस बार मुझे सांस लेने की आवाज कुछ ज्यादा ही तेजी से सुनाई दे रही थी। में तुरंत अपने दोस्त के पास गया और जैसे ही मैंने उसके हाथ को छुआ तो मुझे भीषण गर्मी का एहसास हुआ। वो दर से कम्प रहा था। मैंने उसकी आंखों में देखो वह किसी और देख कर बड़ी ही बुरी तरीके से कांप रहा था । अब मुझे डर लगने लगाथा। इतनी सर्दी में भी मेरे पसीने छूटने लगे थे। अब मुझे लगने लगा था कि आज कुछ असुभ होने वाली है। तभी अचानक वहां कुछ अघोरी आगये जो वहां से गुजर रहे थे उन्हें देख कर थोड़ी हिमत आयी। मैंने कैसे भी करके अपने दोस्त को वहां से खींच कर साइकिल पर बिठाया और मेरे घुटनों में दर्द होने के बावजूद साइकिल जोर-जोर से चलाते हुए शमशान को पार किया। बड़े आश्चर्य की बात थी कि जैसे ही हमने श्मशान को पार किया उसकी बुखार अचानक से गायब हो गए। देखकर आश्चर्य हुआ लेकिन मेरा दोस्त अभी भी घबराया हुआ था। मैंने पहले उसे उसके घर छोड़ा और फिर अपने घर पहुंचा । आखिर वो क्या था जिसे देख कर मेरा दोस्त इतनी भयंकर रूपसे दर गया था। ये जानने के लिए में सुभे उठ के तुरंत ही अपने दोस्त से मिलने गया वहां जाकर पता चला के पूरी रत उसे बुखार रहने के वजेसे उसे हस्पताल लेकर गएँ हे। में वहां उनके घर बैठा उसका इंतजार करता रहा। जब वो लौटे तो उनकी माँ बहत ही चिंतित थी और मुझे दन्त ते हुए बोली तुम दोनों को कितनी बार कहा हे की रात में उस सैमसन वाले रस्ते से मत आया करो। वैसे और एक रास्ता तो हे घर आने का पर वो रास्ता भट ज्यादा ही लम्बा पड़ता हे। मैंने जब उनसे घुसा करने की वजह पूछी तो उहोने बताया की कैसे कल रत हम दोनों एक बुरी आत्मा के चंगुल में फास्ट फास्ट रह गए। ये सुनते ही मेरे सर से पसीने आने लगे। उन्होंने बताया ये के कल रत जिस आत्मा से हमारा सामना हुआ था वो मादल था एक ऐसा सेटन जिसका सर नहीं होता पर उसे साँस लेने की तालाब होती रहती हे। वो इंसान के सरीर से उसके सांसो को धीरे धीरे सोख लेता हे। हमारी किस्मत अछि थी जो वहां अचानक दो अघोरी पहंच गए थे जिहने देख कर वो चला गया। वरना कुछ भी हो सकता था। उनसे बचने का एक ही तरीका होता हे कभी भी एक जगह खड़े मत होइए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें